Sunday, May 26, 2019

हिंदुत्व हेतु मोदी से बहुत आशा न रखें


हिंदुत्व हेतु मोदी से बहुत आशा न रखें, हिंदुत्व का हित हिंदुओं से होगा, सरकार से नहीं। मोदी सरकार इतना ही कर सकती है कि उनके उद्योग के आड़े न आये। आप ने उसे चुना जो उपलब्ध विकल्पों में सर्वोत्तम था किंतु वह आप के लिये पूर्णत: मनोनुकूल हो, आवश्यक नहीं।
उपलब्ध विकल्पों में मोदी का ही सर्वोत्तम होना आप की सीमा को दर्शाता है। हिंदुओं में धर्म, देश एवं अपनी नृजाति को ले कर उपेक्षा एवं उदासीनता बहुत है। स्थिति इतनी बुरी है, इतनी कि मोदी में ही आप अपनी समस्त आशाओं को देख पाने को अभिशप्त हैं जबकि मोदी जिस संगठन से आते हैं उसकी स्थापनायें बहुत स्पष्ट हैं तथा वह 'हिंदू' से ऊपर 'राष्ट्र' को रखता है, 'हिंदू' और 'राष्ट्र' में भेद भी। सोच में यह मौलिक अंतर बहुत महत्त्वपूर्ण है।
यह दुर्भाग्य ही है कि संघ के अतिरिक्त देश में हिंदुओं का ऐसा कोई संगठन नहीं है जो समांतर प्राथमिकतायें रखते हुये मोदी वाले 'संक्रमण दशक' से आगे स्पष्ट 'हिंदू राष्ट्र शताब्दी' पर केंद्रित हो।
हाँ, एक बात और, विकास एवं हिंदू राष्ट्र में कोई वैर नहीं। दोंनों परस्पर अपवर्जी एवं समांतर बातें हैं। निराश होने की आवश्यकता नहीं है. अपने स्तर पर हिंदू हित आप से जो भी हो सकता हो, व्यापक परिदृश्य एवं हितों पर केंद्रित रहते हुये करें। जैसे मोदी आये हैं, वैसे ही वह भी आयेगा जो हमें संक्रमण से मुक्त करेगा।

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